राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने सेना से कहा- सबसे मुश्किल हालात को ध्यान में रखकर जंग की तैयारियां तेज करें
चीन के राष्ट्रपति शी-जिनपिंग ने सेना से कहा है कि
ट्रेनिंग और जंग की तैयारियां तेज कर दें। सबसे मुश्किल हालात को ध्यान में
रखते हुए खुद को तैयार करें और देश के आधिपत्य (सॉव्रिन्टी) के लिए मजबूती
से डटे रहें। चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के मुताबिक जिनपिंग ने
कहा कि उलझे हुए मसलों को मुस्तैदी और असरदार तरीके से डील करें।
जिनपिंग ने मंगलवार को पीपुल्स लिबरेशन आर्मी और पीपुल्स आर्म्ड पुलिस फोर्स के डेलिगेशन की प्लेनरी मीटिंग में ऐसा कहा। उन्होंने किसी खतरे का जिक्र तो नहीं किया, लेकिन उनका बयान ऐसे समय आया है जब बॉर्डर पर चीन और भारत के जवानों के बीच तनाव बना हुआ है।
चीन ने इस साल रक्षा बजट 6.6% बढ़ाया
जिनपिंग ने डिफेंस में साइंटिफिक इनोवेशन पर जोर दिया। रक्षा खर्च पर उन्होंने कहा कि एक-एक पाई का इस्तेमाल इस तरह किया जाए कि ज्यादा से ज्यादा नतीजे मिलें। इससे पहले 22 मई को चीन ने अपना रक्षा बजट 6.6% बढ़ाकर 179 अरब डॉलर कर दिया। ये भारत के रक्षा बजट का करीब तीन गुना है।
डिफेंस बजट बढ़ाने पर चीन के रक्षा प्रवक्ता वु क्यान ने कहा था कि इस समय हम नए खतरों और चुनौतियों से जूझ रहे हैं। इस दौरान उन्होंने ताइवान का खास तौर से जिक्र किया, जिसने चीन का हिस्सा होने से इनकार कर दिया है।
चीन ने लद्दाख में सैनिक बढ़ाए हैं
चीन ने पिछले कुछ दिनों में लद्दाख और उत्तरी सिक्किम में नियंत्रण रेखा (एलएसी) के पास सैनिकों की संख्या बढ़ाई है। चीन की फौज ने भारतीय इलाकों में घुसपैठ कर अस्थाई ठिकाने भी बनाए हैं। इससे दोनों देशों की सेनाओं के बीच तनाव बढ़ रहा है। इस महीने तीन बार सैनिकों की झड़प भी हो चुकी है।
प्रधानमंत्री मोदी ने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से चर्चा की
इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को हाईलेवल मीटिंग बुलाई। इसमें रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह, एनएसए अजीत डोभाल, सीडीएस बिपिन रावत और तीनों सेना प्रमुख शामिल हुए। इसके बाद मोदी ने विदेश सचिव हर्षवर्धन श्रृंगला से भी चर्चा की। इससे पहले लद्दाख में तनाव पर रक्षा मंत्री की सीडीएस और तीनों सेनाओं के प्रमुखों से करीब एक घंटे मीटिंग हुई थी।
लद्दाख में भारत चीन जितने सैनिक तैनात रखेगा: रिपोर्ट
न्यूज एजेंसी ने सूत्रों के हवाले से बताया कि दोनों बैठकों में मोदी और राजनाथ को चीन की हरकतों पर भारतीय सेना के जवाब की जानकारी दी गई। मीटिंग में दो अहम फैसले लिए गए। पहला- इस क्षेत्र में सड़क निर्माण जारी रहेगा। दूसरा- भारतीय सैनिकों की तैनाती उतनी ही रहेगी जितनी चीन की है।
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