चीन के खिलाफ अमेरिका बहुत गंभीर जांच कर रहा है', ट्रंप बोले- वायरस से दुनिया भर में हो रहा नुकसान



राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि चीन के खिलाफ संयुक्त राज्य अमेरिका 'बहुत गंभीर' जांच कर रहा है। इस दौरान उन्होंने कहा जर्मनी द्वारा मांगे जा रहे 130 बिलियन यूरो के मुकाबले चीन से मुआवजे के रूप में और अधिक रुपये की जरूरत है। ट्रंप ने अपने व्हाइट हाउस समाचार सम्मेलन में संवाददाताओं से कहा, 'जर्मनी चीजों को देख रहा है और हम चीजों को देख रहे हैं और हम जर्मनी के बारे में बात कर रहे हैं।
' बता दें कि घातक वायरस, जो नवंबर के मध्य में चीन में उत्पन्न हुआ था, अब तक दो लाख से अधिक लोगों को मार चुका है और विश्व स्तर पर 30 लाख से अधिक संक्रमित है। उनमें से सबसे बड़ी संख्या अमेरिका में है: 56,000 से अधिक मौतें और 10 लाख से अधिक संक्रमण लोग।

 अमेरिका के बाद, यूरोप वायरस से सबसे ज्यादा प्रभावित हुआ है। भारत में, मुख्य रूप से शुरुआती और आक्रामक निवारक उपायों के कारण, मृत्यु दर 886 और संक्रमण लोगों की संख्या 28,000 पर बनी हुई है। अमेरिका, यूके और जर्मनी सहित इन देशों के नेताओं का मानना है कि इतने लोगों की दुर्भाग्यपूर्ण मौतों और वैश्विक अर्थव्यवस्था को नष्ट होने से बचा जा सकता था, अगर चीन ने पारदर्शिता दिखाई होती और अपने शुरुआती चरणों में वायरस के बारे में जानकारी साझा की होती।

 जैसे कि कई देशों ने चीन से मुआवजे का दावा करने के बारे में बात करना शुरू भी कर दिया है। रोज गार्डन प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान ट्रंप से जर्मनी द्वारा चीन को नुकसान के लिए 130 बिलियन यूरो का बिल भेजने के बारे में पूछा गया। 'क्या आपका प्रशासन भी ऐसा करने की सोच रहा है?' ट्रंप ने जवाब दिया, 'हम इससे बहुत आसान काम कर सकते हैं। हमारे पास काम करने के तरीके बहुत आसान हैं। हमने अभी तक अंतिम राशि निर्धारित नहीं की है।' उन्होंने कहा कि यदि आप दुनिया को देखते हैं, तो मेरा मतलब है कि इस वायरस से दुनिया भर में नुकसान हो रहा है। यह अमेरिका के लिए एक क्षति है लेकिन यह दुनिया के लिए भी एक बड़ी क्षति है।

 ट्रंप ने कहा कि चीन से निपटने के बहुत सारे तरीके हैं, बस एक बार वायरस के प्रसार के लिए चीन को जिम्मेदार ठहराया जा सके। उन्होंने कहा कि हम बहुत गंभीर जांच कर रहे हैं, जैसा कि आप शायद जानते हैं। हम चीन से खुश नहीं हैं। ट्रंप ने कहा कि हम उस पूरी स्थिति से खुश नहीं हैं क्योंकि हमारा मानना है कि इसे वायरस की सच्चाई को छुपाया गया। इसे रोका जा सकता था, यह पूरी दुनिया में नहीं फैलता था। और हमें लगता है कि ऐसा होना चाहिए था। इसलिए , हम आपको उचित समय पर बताएंगे, लेकिन हम गंभीर जांच कर रहे हैं। बता दें कि हाल के सप्ताहों में, चीन को जवाबदेह ठहराने के कदम के प्रति समर्थन बढ़ा है।

 वायरस उत्पत्ति की अंतरराष्ट्रीय जांच का कोई कानूनी आधार नहीं: चीन
कोरोना वायरस की उत्पत्ति की जांच की बढ़ती मांग को देखते हुए चीन ने सोमवार को अपना पक्ष रखा। उसने कहा कि इस तरह की जांच का न तो पूर्व में कोई उदाहरण मिलता है और न ही इसका कोई कानूनी आधार है। अतीत में भी ऐसी महामारियों की जांच से कोई ठोस नतीजे नहीं निकले हैं। चीन ने वायरस की उत्पत्ति के मामले में एक तटस्थ अंतरराष्ट्रीय जांच का आह्वान किया है। वहीं साउथ चाइना मार्निग पोस्ट में छपी एक खबर के मुताबिक राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने देशवासियों से अभूतपूर्व प्रतिकूल परिस्थितियों के लिए तैयार रहने को कहा है। उनकी चेतावनी ऐसे समय सामने आई है जब देश की अर्थव्यवस्था सबसे बुरे दौर से गुजर रही है। बता दें कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप सहित ब्रिटेन, ऑस्ट्रेलिया और जर्मनी स्वतंत्र जांच की मांग दोहरा चुके हैं।

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