कोविड-19 के खिलाफ पास आये सार्क देश, भारत दे रहा प्रशिक्षण; पाकिस्तान बिदका
पाकिस्तान कोविड-19 से हलकान है लेकिन अभी भी वह इस बीमारी से लड़ाई में भारत की तरफ मदद का हाथ बढ़ाने को तैयार नहीं। इसका ताजा उदाहरण शुक्रवार को देखने को मिला जब कोविड-19 महामारी से बचने के उपायों पर भारत की तरफ से पड़ोसी देशों के लिए आयोजित प्रशिक्षण कार्यक्रम से पाकिस्तान गायब रहा।
सार्क के अन्य देशों ने आयोजन को लाभप्रद बताया: विदेश मंत्रालय के सहयोग से 17 अप्रैल, 2020 को रायपुर स्थित अखिल भारतीय आर्युविज्ञान संस्थान (एम्मस) के जरिए दक्षिण एशियाई देशों के चिकित्साकर्मियों को कोविड-19 के खतरे, इससे बचने के उपाय और चिकित्सा को लेकर एक चार सत्रीय प्रशिक्षण का आयोजन किया गया। पाकिस्तान व मालदीव के अलावा अन्य सभी देशों ने इसमें हिस्सा लिया और आगे भी इस तरह का कार्यक्रम चलाने पर सहमित बनी। वैसे मालदीव ने भी तकनीकी वजह से हिस्सा नहीं लिया। सार्क के अन्य देशों ने आयोजन को काफी लाभप्रद बताया।
सार्क देशों के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग : विदेश मंत्रालय के सहयोग से सार्क देशों के लिए वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिए इस प्रशिक्षण शिविर का आयोजन किया गया था। इसका प्रस्ताव पीएम नरेंद्र मोदी की तरफ से सार्क देशों के प्रमुखों की बैठक में किया गया था। अभी जबकि अधिकांश सार्क देशों में यह महामारी ने भयंकर रूप लेना शुरु कर दिया है तो इस प्रशिक्षण को सभी देशों ने काफी उपयोगी बताया है।
प्रायोगिक तौर पर अभी इस तरह का प्रशिक्षण किया जा रहा : भारत भविष्य में भी दूसरे देशों को इस तरह का प्रशिक्षण देगा। यह कार्यक्रम पूरी तरह से मुफ्त है और पड़ोसी देशें की जरुरत के हिसाब से तैयार किया गया है ताकि सीमित संसाधन के होते हुए भी कोविड-19 से बचाव किया जा सके। विदेश मंत्रालय ने अधिकारियों ने कहना है कि प्रायोगिक तौर पर अभी इस तरह का प्रशिक्षण किया जा रहा है। इस अनुभव से हम इसका आने वाले दिनों में व्यापक विस्तार करेंगे और कोशिश यह भी है कि स्वास्थ्य के अलावा दूसरे क्षेत्रों में भी इस तरह का सहयोग कार्यक्रम शुरु किया जा सके।
कश्मीर मुद्दे को उठाने की कोशिश : पीएम नरेंद्र मोदी के आह्वान पर भारत ने सार्क देशों के प्रमुखों की पहली बैठक कोविड-19 पर हुई थी। उस पहली बैठक में ही पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने हिस्सा नहीं लिया बल्कि अपने स्वास्थ्य सलाहकार को भेजा जिसने कश्मीर मुद्दे को उठाने की कोशिश की। उसके बाद इससे जुड़ी एक अन्य बैठक में पाकिस्तान ने हिस्सा भी नहीं लिया। पाकिस्तान का कहना है कि कोविड-19 से जुड़ी कोई भी बैठक सार्क सचिवालय के माध्यम से होनी चाहिए।
भारत का तर्क है कि ऐसा होने पर काफी सारी औपचारिकताएं पूरी करनी होगी जिससे वक्त जाया होगा। यही नहीं भारत ने सार्क देशों की मदद के लिए गठित फंड में 1 करोड़ डॉलर की राशि भी दी है। पाकिस्तान ने भी 30 लाख डॉलर की राशि इसमें दी है लेकिन इसकी घोषणा करने में काफी वक्त लिया।
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