एयरफोर्स को मिली तेजस लड़ाकू विमानों की नई स्क्वाड्रन, वायुसेना प्रमुख RKS भदौरिया ने भरी उड़ान

Light combat aircraft - Wikipedia 

भारतीय वायुसेना को आज तेजस लड़ाकू विमानों का नया और दूसरा स्क्वाड्रन मिल गया। वायुसेना के प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने तमिलनाडु के सुलूर एयरबेस पर वायु सेना की 18वीं स्क्वाड्रन को सौंपा।

भारतीय वायुसेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल आरकेएस भदौरिया ने आज वायु सेना स्टेशन सुलूर में 45वीं स्क्वाड्रन के साथ लाइट कॉम्बैट एयरक्राफ्ट तेजस लड़ाकू विमान उड़ाया। उन्होंने सिंगल सीटर लड़ाकू विमान तेजस में उड़ान भरी।

एयरफोर्स की 18वीं स्क्वाड्रन अब हल्के लड़ाकू विमान(Light Combat Aircraft) तेजस से लैस होगी। तेजस विमान उड़ाने वाली एयरफोर्स की यह दूसरी स्क्वाड्रन होगी।इससे पहले 45 वीं स्‍क्वाड्रन ऐसा कर चुकी है।

15 अप्रैल, 1965 को गठित यह स्क्वाड्रन अपने आदर्श वाक्य 'टेवरा और निर्भया' जिसका अर्थ होता है 'स्विफ्ट एंड फीयरलेस' के साथ अब तक मिग- 27 विमान उड़ा रहा था। इससे पहले इसे 15 अप्रैल, 2016 को नंबर प्लेट लगा दिया गया था। स्क्वाड्रन को इस साल एक अप्रैल को फिर से शुरू किया गया है।

इस स्क्वाड्रन ने पाकिस्तान के साथ 1971 के युद्ध में सक्रिय रूप से भाग लिया और मरणोपरांत फ्लाइंग ऑफिसर निर्मल जीत सिंह सेखों को सर्वोच्च वीरता पुरस्कार 'परमवीर चक्र' से नवाजा गया था। इस स्क्वाड्रन को श्रीनगर में सबसे पहले उतरने और वहां काम करने के लिए 'डिफेंडर्स ऑफ कश्मीर वैली' भी कहा गया। एयरफोर्स की इस स्क्वाड्रन को नवंबर 2015 में राष्ट्रपति के मानक के साथ प्रस्तुत किया गया था।

तेजस एक स्वदेशी चौथी पीढ़ी का टेललेस कंपाउंड डेल्टा विंग विमान है।यह फ्लाई-बाय-वायर फ्लाइट कंट्रोल सिस्टम, इंटीग्रेटेड डिजिटल एवियोनिक्स, मल्टीमॉड रडार से लैस है और इसकी संरचना कंपोजिट मैटेरियल से बनी है। तेजस चौथी पीढ़ी के सुपरसोनिक लड़ाकू विमानों के समूह में सबसे हल्का और सबसे छोटा है। हाल ही में देश में निर्मित हल्के लड़ाकू विमान तेजस के नौसैनिक संस्करण ने विमानवाहक पोत आइएनएस विक्रमादित्य के 'स्की-जंप' डेक से सफलतापूर्वक उड़ान भरी थी। 

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