Aarogya Setu ऐप बना ओपन सोर्स, साथ ही लॉन्च हुआ बग बाउंटी प्रोग्राम

Aarogya Setu - Apps on Google Play 

केंद्र सरकार द्वारा कोरोना वायरस की लड़ाई में लॉन्च किए गए कोविड-19 कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग ऐप Aarogya Setu के एंड्राइड वर्जन को ओपन सोर्स बना दिया गया है। इसके बाद डेवलपर्स अब इस ऐप को इंस्टपेक्ट और मॉडिफाई कर सकेंगे। बता दें कि Aarogya Setu ऐप के 90 प्रतिशत यूजर्स एंड्राइड प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल करते हैं। Aarogya Setu ऐप को ओपन सोर्स बनाने की घोषणा नीति आयोग के सीईओ अमिताभ कांत द्वारा की गई। 
 अमिताभ कांत ने कहा कि 'Aarogya Setu ऐप अब ओपन सोर्स है। इसकी स्थापना के बाद से पारदर्शिता, गोपनीयता और सुरक्षा ऐप के मुख्य डिजाइन सिद्धांत रहे हैं, और डेवलपर कंपनी के लिए इसका स्रोत कोड खोलना भारत सरकार को इन सिद्धांतों के लिए निरंतर प्रतिबद्धता का संकेत देता है।' उन्होंने कहा कि 'हम हमेशा प्रोडक्ट की ओपन सोर्सिंग के लिए प्रतिबद्ध थे। यह अपने आप में ही एक अनोखी बात है, क्योंकि दुनिया में कहीं भी, किसी भी अन्य सरकारी प्रोडक्ट को इस पैमाने पर ओपन सोर्स नहीं बनाया गया है।'

 अमिताभ कांत ने यह भी कहा कि 'Aarogya Setu ऐप को 15 दिनों में 5 करोड़ लोगों ने किया, वहीं 40 दिनों में ये संख्या बढ़कर 10 करोड़ हो गई। इस कोविड 19 ट्रेसिंग ऐप ने 3 से 17 दिनों में 3 हजार हॉटस्पॉट की पहचान की है। जबकि सेल्फ असेसमेंट 8 लाख से ज्यादा लोगों का हुआ है। ऐप ने संक्रमण के संभावित जोखिम के 140,000 से अधिक लोगों को ब्लूटूथ के माध्यम से सचेत किया है।'

क्या है ओपन सोर्स
Aarogya Setu ओपन सोर्स बन गया है और ऐसे में लोगों को यह पता होना जरूरी है कि ओपन सोर्स से Aarogya Setu को क्या लाभ होगा। बता दें कि Aarogya Setu ऐप के ओपन सोर्स बनने के बाद कोई भी डेवलपर यह पता कर सकता है कि ऐप में क्या हो रहा है। इसमें कौन-कौन सी जानकारी स्टोर हो रही है और ऐप आपके फोन में क्या कर रहा है।

बग बाउंटी प्रोग्राम हुआ लॉन्च
Aarogya Setu ऐप को ओपन सोर्स बनाने के साथ ही नीति आयोग ने एक बग बाउंटी प्रोग्राम को भी लॉन्च किया है। इस प्रोग्राम के तहत Aarogya Setu ऐप में बग खोजने वाले व्यक्ति को एक लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा। सरकार ने यह भी कहा है कि डेवलपर्स के पास अगर Aarogya Setu ऐप को कोई नया सुझाव है या इसमें कोई कमी नजर आती है तो वह जरूर बताएं।

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