कोरोना के सैकड़ों स्वस्थ मरीजों में दोबारा संक्रमण सामने आया


कोरोना के कई मरीजों के दोबारा महामारी की जकड़ में आने की रिपोर्ट ने दुनिया की स्वास्थ्य एजेंसियों की नींद उड़ा दी है। अमेरिका, दक्षिण कोरिया और जापान में ऐसे मामले लगातार पकड़ में आ रहे हैं। अमेरिका में दस अप्रैल तक छुट्टी पा चुके 91 मरीजों में दोबारा संक्रमण हो चुका है।
वहीं चीन के गुआंगदोंग प्रांत में 10 से 14 फीसदी मरीज दोबारा संक्रमित हो चुके हैं। वुहान में भी चार से पांच फीसदी ऐसे लक्षण दिखे हैं। जर्मनी और चीन में हुए अध्ययन से पता चलता है कि स्वस्थ हो चुके मरीज में दस से 14 दिन तक दोबारा संक्रमण का खतरा रहता है। एक बार स्वस्थ हो चुके मरीज को खांसी-जुकाम नहीं होता, इसलिए वह संक्रमण का बड़ा खतरा बन सकता है। फ्लोरिडा कॉलेज ऑफ मेडिसिन के जैवविज्ञानी रिचर्ड कोंडिट ने कहा कि वायरस शरीर की प्रतिरोधक क्षमता के खिलाफ दोबारा सक्रियता दिखा सकता है। कई बार सही से जांच न होने के कारण नमूने निगेटिव आ जाते हैं। कभी वायरस का स्तर शरीर में अपनेआप काफी नीचे चला जाता है और पकड़ मे नहीं आता। शरीर में वायरस के कई स्ट्रेन हों तो भी यह जांच में नहीं आता।

एक माह बाद ही काम पर वापस लौटें : एम्स के पूर्व निदेशक एमसी मिश्रा ने कहा कि कोविड-19 टेस्ट का नतीजा निगेटिव आने के बाद दो सप्ताह और घर पर अपने को बाक़ी घर के लोगों से अलग रखना है और घर पर ही रहना है। एक माह बाद ही काम पर वापस लौट सकते हैं। वायरस को शरीर से पूर्ण रूप से मुक्त होने में दो सप्ताह से अधिक वक्त लगता है, इसीलिए चीन में और दक्षिण कोरिया में फिर से रोगियों में लक्षण सामने आ रहे हैं।

दो बार जांच निगेटिव आना जरूरी
सफदरजंग अस्पताल के चिकित्सा अधीक्षक ने कहा कि तापमान कम करने वाली किसी दबाव के बिना बुखार न हो, खांसी-जुकाम या श्वसन में परेशानी जैसे लक्षण न हों। बिना किसी लक्षण के ऐसे सात दिन बीत चुके हों और दो मरीज के लगातार दो स्वैब टेस्ट निगेटिव आए हों तो माना जाता है कि वह बीमारी से उबर चुका है। हालांकि स्वस्थ व्यक्ति को भी दो हफ्ते तक अलग रखकर निगरानी जरूरी है।

फेफड़े हो जाते हैं कमजोर
हांगकांग यूनिवर्सिटी ऑफ स्कूल ऑफ पब्लिक हेल्थ के निदेशक डा. केजी फुकुदा ने कहा कि तीन में से स्वस्थ हो चुके मरीजों के फेफड़ों की क्षमता 20 से 30 फीसदी कम हो जाती है, इसलिए उसके संक्रमित होने की आशंका बनी रहती है। अगर आपका प्रतिरक्षा तंत्र मजबूत नहीं है तो कुछ दिनों में ही दोबारा संक्रमण हो सकता है।

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